जब बीरबल वापिस दरबार आए तो बादशाह अकबर ने बीरबल से इस आरोपों के बारे में कोई बात नहीं की | लेकिन बीरबल ने महसूस कर लिया था की कोई न कोई बात तो है क्योकि बादशाह अकबर उनसे सही से बात नहीं कर रहे थे और उनके दिमाग में उसके प्रति अविश्वास और संदेह पैदा हो रहा था और इसी के चलते वब दरबार भी काम आने लगा था |